वाच्य – परिभाषा, भेद, उदाहरण और अभ्यास | हिंदी व्याकरण

वाच्य (Voice) – हिंदी व्याकरण की संपूर्ण गाइड | व्याकरण मित्र

📘 वाच्य (Voice) – हिंदी व्याकरण की संपूर्ण गाइड

लेख स्रोत: व्याकरण मित्र

वाच्य वह तत्व है जिससे यह पता चलता है कि वाक्य में क्रिया किसके अनुसार की जा रही है – कर्ता, कर्मभाव

📌 वाच्य की परिभाषा

जिस रूप में वाक्य में क्रिया और कर्ता-कर्म का संबंध दर्शाया जाता है, उसे वाच्य कहते हैं।

📚 वाच्य के प्रकार

हिंदी व्याकरण में वाच्य तीन प्रकार के होते हैं:

  1. कर्तृवाच्य (Active Voice)
  2. कर्मवाच्य (Passive Voice)
  3. भाववाच्य (Impersonal Voice)

1️⃣ कर्तृवाच्य (Active Voice)

जिस वाक्य में कर्ता प्रमुख होता है और वही कार्य करता है, वह कर्तृवाच्य कहलाता है।

उदाहरण:

  • राम ने पत्र लिखा।
  • सीता खाना बना रही है।
  • बच्चा दूध पी रहा है।

2️⃣ कर्मवाच्य (Passive Voice)

जिस वाक्य में कर्म प्रमुख होता है और उस पर कार्य किया जाता है, वह कर्मवाच्य कहलाता है।

उदाहरण:

  • पत्र राम द्वारा लिखा गया।
  • खाना सीता द्वारा बनाया गया।
  • दूध बच्चे द्वारा पिया गया।

3️⃣ भाववाच्य (Impersonal Voice)

जिस वाक्य में न कर्ता होता है, न कर्म, केवल भाव या क्रिया

उदाहरण:

  • यहाँ पिटाई होती है।
  • पढ़ाई की जाती है।
  • बारिश हो रही है।

📊 वाच्य का सारांश

वाच्य प्रधान तत्व उदाहरण क्रिया किस पर निर्भर
कर्तृवाच्य कर्ता राम ने पत्र लिखा। कर्ता
कर्मवाच्य कर्म पत्र राम द्वारा लिखा गया। कर्म
भाववाच्य भाव / क्रिया पढ़ाई की जाती है। कोई नहीं (सामान्य)

🎯 अभ्यास प्रश्न (MCQ)

  1. निम्न में से कौन-सा वाक्य कर्तृवाच्य है?
    A) खाना खाया गया।
    B) वह पुस्तक पढ़ता है।
    C) परीक्षा दी जाती है।
    D) गेंद फेंकी गई।
    ✔ उत्तर: B

  2. "पत्र लिखा गया।" वाक्य किस वाच्य का उदाहरण है?
    A) कर्तृवाच्य
    B) कर्मवाच्य
    C) भाववाच्य
    D) इनमें से कोई नहीं
    ✔ उत्तर: B

  3. भाववाच्य वाक्य में क्या प्रमुख होता है?
    A) कर्ता
    B) कर्म
    C) क्रिया या भाव
    D) कोई नहीं
    ✔ उत्तर: C

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